तेरे लिए
कुछ लफ्ज़ समेट रखा है,
तेरे लिए।।
कुछ बाते यूँ ही अधूरा रखा है,
तेरे लिए।।
ख्वाहिश है तु आयेगा किसी दिन।।
एक शाम सजा कर रखा हैै,
तेरे लिए।।
यकीनन मुकम्मल करेंगे मुलाक़ात कभी
कुछ यादें संजोकर रखा है,
तेरे लिए।।।
तु आयेगा किसी दिन सवारने मुझे
इसी उम्मीद मे...
जुल्फों को आवारा छोड़ रखा है,
तेरे लिए।।।
कुछ लफ़्ज समेट रखा है,
तेरे लिए।।।
जिंदगी से कुछ पल बचा कर रखा है,
तेरे लिए।।।
चाँद, तारे, कसमें, वादे के साथ साथ
थोड़ा सुकून भी रखा है,
तेरे लिए।।।
ख्वाहिश है तु आयेगा
किसी दिन...
एक शाम सजा कर रखा हैै,
तेरे लिए।।।