Hindi shayari | हिन्दी शायरी - " हिस्से में "
किसी के हिस्से उन्होंने सारा समंदर कर दिया!! हमारे हिस्से एक बूँद तक नहीं!!
किसी के हिस्से सारा आसमान लिख दिया!!
हमारे हिस्से एक तिनका भी नहीं।।
वो जो सिमट से गये हैं खुद मे.. किसी के छोड़ जाने से!!
अब उनको कैसे यकींन दिलाये फ़रेब के शहर से हमारा कोई ताल्लुक नहीं।।
किसी के हिस्से का सारा अंधेरा अपना लिया!!
और हमारे हिस्से का रौशनी तक मंजूर नहीं।।